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पीएम मोदी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी नियुक्त किए गए पूर्व RBI गवर्नर शक्तिकांत दास

पीएम मोदी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी नियुक्त किए गए पूर्व RBI गवर्नर शक्तिकांत दास

पीएम मोदी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी नियुक्त किए गए पूर्व RBI गवर्नर शक्तिकांत दास

पीएम मोदी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी नियुक्त किए गए, पूर्व RBI गवर्नर शक्तिकांत दास, भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास को अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रिंसिपल सेक्रेटरी-2 नियुक्त किया गया है. उनका कार्यकाल प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल के साथ समाप्त होगा. शक्तिकांत दास प्रिंसिपल सेक्रेटरी-2 पीके मिश्रा के साथ मिलकर काम करेंगे. वह दिसंबर 2018 में रिजर्व बैंक के गवर्नर नियुक्त किए गए थे, और 10 दिसंबर 2024 को उनका कार्यकाल समाप्त हुआ. आदेश के मुताबिक वह प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी-1 डॉक्टर पी के मिश्रा के साथ काम करेंगे. केंद्र सरकार ने अपॉइंटमेंट कमेटी द्वारा जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है. मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने शक्तिकांत दास आईएस रिक्वायर्ड टन 80 की प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव दो के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. यह नियुक्ति उनके पद बाहर ग्रहण करने के दिन से प्रभावित होगी. उनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ या अगले आदेश तक जारी रहेगी.

1980 बैच के आईएएस अधिकारी हैं शक्तिकांत दास

उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर से ताल्लुक रखने वाले 67 वर्षीय शक्तिकांत दास तमिलनाडु केदार के 1980 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. अपने करियर के दौरान उन्होंने केंद्र सरकार और तमिलनाडु सरकारों के लिए विभिन्न चरणों में आर्थिक मामलों के सेक्रेट्री, फाइनेंस सेक्रेटरी और फर्टिलाइजर सिक्योरिटी के रूप में काम किया वह दिल्ली के मशहूर सेंट स्टीफंस कॉलेज के स्टूडेंट रहे हैं.

शक्तिकांत दास बने RBI के गवर्नर

दिसंबर 2018 में शक्तिकांत दास को सरकार ने रिजर्व बैंक के रूप में आश्चर्यजनक रूप से नियुक्त किया था. उन्होंने अर्जित पटेल की जगह ली थी. जिन्हें नेतृत्व में केंद्र सरकार ने दी मोनेटाइजेशन किया था. अर्जित पटेल के बाद में किसी लैंडिंग लेडिस पॉलिसी में बदलाव की मांग का विरोध करते हुए कठिन रूप से इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद रिप्लेसमेंट के रूप में शक्तिकांत दास को मौका मिला था. 2021 में सरकार ने शक्तिकांत दास को 3 साल का विस्तार दिया था पिछले महीने ऐसी खबरें आई थी, कि आरबीआई गवर्नर को दूसरा विस्तार दिया जाएगा. लेकिन संजय मल्होत्रा के रूप में नई नियुक्ति का ऐलान किया गया. था इस विस्तार से वह लगभग 70 वर्षों में रिजर्व बैंक के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रमुख बन जाते.

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लगातार दो बार दुनिया के टॉप बैंकर चुने गए

शक्तिकांत दास लगातार 2023 और 2024 में दो बार दुनिया के टॉप केंद्रीय बैंकर चुने गए. शक्तिकांत दास को सेंट्रल बैंक रिपोर्ट कई 2023 और 2024 में ए प्लस ग्रेड मिला यह अवार्ड अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में ग्लोबल फाइनेंस देती है. शक्तिकांत दास को महंगाई पर कंट्रोल इकोनामिक ग्रोथ ई वेट स्टेबिलिटी और ब्याज दरों पर नियंत्रण के लिए यह सामान दिया गया.

कोरोना महामारी और युद्ध के बीच इकोनामिक को स्टेबल रखा

आरबीआई गवर्नर के तौर पर शक्तिकांत दास ने भारत और दुनिया के लिए सबसे अस्थिर और कोरोना महामारी, रूस यूक्रेन युद्ध और इसराइल हमास संघर्ष जैसे संगठनों में भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई. कोरोना के दौरान शक्तिकांत दास के नेतृत्व में आरबीआई ने लिक्विडिटी और एसेट क्वालिटी को बनाए रखने के लिए नए और पुराने आर्थिक नीतियों और उपायों को लागू किया.

येस बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक को कॉलेप्स होने से बचाया

शक्तिकांत दास ने जिन चुनौतियों का सफलतापूर्वक सम्मान किया उनमें IL&FS संकट शामिल था. इसके चलते नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों को काफी नुकसान हुआ था. उन्होंने येस बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक को कॉलेप्स होने से बचाया.

ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए रेपो रेट में जरूरी बदलाव किया

2018 में जब शक्तिकांत दास ने कार्यभार संभाला था. तब रेपो रेट 6.50% पर थी. उनके नेतृत्व में आरबीआई ने इकनॉमिक ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए इसे घटकर 4% पर ला दिया, बाद में महंगाई को कंट्रोल करने के लिए इसे फिर से बढ़कर 6.50% कर दिया.

बैंकों का NPA घटाने और मुनाफा बढ़ाने में…

शक्तिकांत दास के कार्यकाल के दौरान देश के लिमिटेड बैंकों को लोन परफॉर्मिंग ऐसेट यानी NPA सितंबर 2024 तक 2.59% के निचले हिस्से पर आ गया. जबकि दिसंबर 2018 में यह 10.38% था. इस दौरान बैंकों की प्रॉफिटेबिलिटी ने भी उछाल आया और बैंकों ने वित्त वर्ष 2023 मैं 2.63 लाख करोड़ रूपों का मुनाफा दर्ज किया जबकि वित्त वर्ष 2018 में बैंकों को 32400 करोड़ रूपों का घाटा हुआ था.

 

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