भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने 101 साल के पूर्व IFS अधिकारी से की मुलाकात
कुवैत की दो दिवसीय यात्रा पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 101 वर्षीय मंगल सेन हांडा से मुलाकात की मंगलसेन होंडा भारतीय विदेश सेवा IFS के पूर्व अधिकारी हैं, हांडा की नातिन द्वारा सोशल मीडिया पर की गई, अपील के बाद पीएम मोदी ने उनसे मुलाकात की दृश्य प्रधानमंत्री मोदी की कुवैत यात्रा 46 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी. यह यात्रा कुवैत अमीर शेखमें साल अहमद अल जाबर अल साहब के निमंत्रण पर हुई थी. शनिवार को कुवैत पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय समुदाय से बातचीत की, कुवैत पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी एक होटल में गए जहां उन्होंने मंगलसेन हांडा से विनम्रता पूर्वक मुलाकात की, होंडा की नितिन श्रेया जुनेजा द्वारा X पर किए गए अनुरोध के बाद यह मुलाकात आयोजित की गई, जिसमें उन्होंने अपने नाना को प्रधानमंत्री का बहुत बड़ा प्रशंसक बताया था. श्रेया ने X पर लिखा था माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विनम्र में अनुरोध है कि वह कुवैत में भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत के दौरान मेरे 101 वर्षीय नानाजी पूर्व IFS अधिकारी से मिले नाना मंगल सेन हांडा आपकी बहुत बड़े प्रशंसक हैं, विस्तृत जानकारी आपके कार्यालय को ईमेल कर दी गई है. प्रधानमंत्री मोदी ने मीटिंग के लिए तुरंत हां कह दिया। उन्होंने जवाब में लिखा बिल्कुल में कुवैत में मंगल सेन हांडा जी से मिलने के लिए उत्सुक हूं. अपने एक पोस्ट पर प्रधानमंत्री से प्रतिक्रिया पाकर श्रुति ने कहा, कि प्रधानमंत्री ने एक बार फिर उनका दिल जीत लिया और उनके नाना बहुत खुश हैं, उन्होंने पोस्ट किया आपसे प्रतिक्रिया पत्र बहुत खुश हुई, सर आपने फिर एक बार हमारे दिल जीत लिए नानाजी खुश हैं. और उनकी मुस्कान हमारे लिए बहुत मायने रखती है. हम इस दयाल व्यवहार के लिए बहुत आभारी है.
नरेंद्र मोदी जी ने उनके 100वे जन्मदिन पर दी शुभकामनाएं
मोदी ने मंगल सेन हांडा को उनके 100वे जन्मदिन पर एक निजी पत्र लिखकर शुभकामनाएं दी और भारत के कूटनीतिक प्रयासों में उनके योगदान की प्रशंसा की थी. इसके बाद हांडा ने X पर ट्वीट किया और प्रधानमंत्री को उनके इस व्यवहार के लिए धन्यवाद देते हुए कहा था, मेरे सव जन्मदिन पर शुभकामनाएं भेजने के लिए हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मैं दिल से आभार व्यक्त करता हूं, उनके नेतृत्व में भारत को बढ़ाते हुए देखना 100 साल जीने लायक है.
46 साल बाद किसी प्रधानमंत्री का कुवैत दौरा
प्रधानमंत्री मोदी कुवैत राज्य के अमीर शेख मिसाल अहमद-अल जाबर -अल साहब के निमंत्रित की दो दिवसीय यात्रा पर हैं, यह प्रधानमंत्री की कुवैत की पहली यात्रा है. कुवैत पहुंचने पर पीएम मोदी ने ट्वीट किया उन्होंने X पर लिखा कुवैत में गर्व जोशी से स्वागत हुआ, यह 46 वर्ष में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है, और इससे संदेह विभिन्न क्षेत्रों में भारत कुवैत मित्रता मजबूत होगी मैं आज और कल के लिए निर्धारित कार्यक्रमों की प्रतीक्षा कर रहा हूं.
कुवैत में भारतीयों ने भारतीयता का तड़का लगाया
मोदी ने कहा कि आप में से कितने ही लोग पीडिया से कुवैत में रह रहे हैं, बहुत सारे लोगों का जन्म ही यही हुआ है, हर साल यहां रहने वाले भारतीयों की संख्या बढ़ती जा रही है, अपने कुवैत के समाज में भारतीयता का तड़का लगाया है, आपने कुवैत केकैनवास पर भारतीय था हुनर का रंग भरा है, यहां भारत के टैलेंट, टेक्नोलॉजी और ट्रेडीशन का मसाला मिक्स किया है. मैं यहां सिर्फ आपसे मिलने नहीं आया हूं, बल्कि आप सभी की उपलब्धियां को सेलिब्रेट करने के लिए यहाँ आया हु.
कुवैत की लीडरशिप भी भारतीय की मेहनत की कायल
पीएम ने कहा, कि मैं यहां काम करने वाले भारतीय मजदूर और कर्मचारियों से मुलाकात की, यह साथी यहां कंस्ट्रक्शन से जुड़े हैं, इसके अलावा बाकी लोग भी दूसरे सेक्टर में पसीना बहा रहे हैं. भारतीय समुदाय के डॉक्टर, नर्स से कुवैत में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बहुत बड़ी शक्ति है. भारतीय शिक्षा कुवैत की अगली पीढ़ी को मजबूत बनाने में सहयोग कर रहे हैं, इंजीनियर कुवैत केनेक्स्ट जेनरेशन इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर रहे हैं जब भी में कुवैत की लीडरशिप से बात करता हूं. तो वह आपकी तारीफ करते हैं कुवैत के नागरिक भी भारतीयों की मेहनती ईमानदारी स्किल की वजह से सम्मान करते हैं.
भारत और कुवैत को वर्तमान ही नहीं अतीत ने भी जोड़ा
मोदी ने कहा कि आज भारत रेमिटेंस के मामले में सबसे आगे है, तो इसका बहुत बड़ा श्रेय आप सभी मेहनतकश साथियों को जाता है. देशवासी भी आपके इस योगदान का सम्मान करते हैं, भारत और कुवैत का रिश्ता सभ्यताओं का व्यापार कारोबार का है, भारत कुवैत अरब सागर के दो किनारे पर बसे हैं. हमें सिर्फ डिप्लोमेसी नहीं दलों ने भी आपस में जोड़ा है, हमें वर्तमान ही नहीं अतीत ने भी आपस में जोड़ा है.
भारत और कुवैत के बीच व्यापार
पीएम ने कहा कि एक वक्त था, जब कुवैत से मोती, अच्छी नस्ल के घोड़े भारत जाते थे. वहीं भारत से मसाले कपड़े लकड़ी कुवैत आई थी. कुवैत का मोती भारत के लिए किसी हीरे से काम नहीं है आज भारत की ज्वेलरी की पूरी दुनिया में धूम है, तो इससे कुवैत को मोतियों का योगदान है गुजरात में तो हम बड़े बुजुर्गों से सुनते आए हैं, कि किस तरह कुवैत से भारत व्यापारी आया करते थे. 19वीं शताब्दी में ही यहां से व्यापारी सूरत जाने लगे थे तब सूरत कुवैत के मोतियों के लिए इंटरनेशनल मार्केट हुआ करता था कुवैत व्यापारियों ने गुजराती भाषा में अनेक किताबें भी पब्लिश की गुजरात के बाद कुवैत के व्यापारियों ने मुंबई और बाकी जगहों पर पहचान बनाई।
कल्चर और कॉमर्स से बना रिश्ता नई बुलंदी पर जा रहा है
पीएम मोदी ने कहा, कि कुवैत के बहुत सारे व्यापारियों ने आयात-निर्यात के लिए भारत के कई जगहों पर ऑफिस खोल हैं, 60-65 साल पहले कुवैत में भारतीय रुपया वैसा ही चलते थे, जैसे भारत में चलते हैं, यानी यहां किसी दुकान से खरीदने पर भारतीय रुपए भी स्वीकार किए जाते थे. तब भारतीय करंसी जैसे कि रुपया, पैसा, आना को कुवैती लोग जानते थे. पीएम मोदी जी ने कहा, किहर सुख में साथ रहने की परंपरा हमारी आपसी रिश्ते, आपसी भरोसे की बुनियाद है, हमारे मकसद बहुत अलग नहीं है, जैसे कुवैत के लोग न्यू कुवैत बनाने में लगे हैं, वैसे भारत के लोग 2047 बनाने में लगे हैं.