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महाकुंभ में 37 दिनों में 54 करोड लोगों ने किया स्नान

महाकुंभ में 37 दिनों में 54 करोड लोगों ने किया स्नान

महाकुंभ में 37 दिनों में 54 करोड लोगों ने किया स्नान

महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही है. श्रद्धालुओं का रेल लगातार प्रयागराज चल रहा है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 37 दिनों में 54 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचकर संगम स्नान कर चुके हैं. अगर आप भी इस इंतजार में थे कि 12 फरवरी के बाद कुंभ मेला जाएंगे जब भीड़ कम हो जाएगी मगर ऐसा नहीं है. आज सुबह से ही जबरदस्त भीड़ है. संगम आने वाले रास्तों पर लंबा जाम लगा है. संगम रेलवे स्टेशन को 28 फरवरी तक के लिए बंद किया जा चुका है. यानी कि महाकुंभ के खत्म होने के बाद अब यह स्टेशन खुलेगा सोमवार रात ही बनी नया न्यूज़ फार्मा हाउस जैसे महाकुंभ के सटे इलाकों में 10 से 12 किलोमीटर लंबी कारों की लाइन लगी रही है 8 से 10 किलोमीटर के सफर में लोगों को तीन से चार घंटे लग रहे हैं. सवाल यह उठ रहा है कि आखिर कुंभ का पवित्र स्नान बीत जाने के बाद भी भीड़ क्यों रुकने का नाम ही नहीं ले रही है.

क्या धर्म और आस्था से बड़ा हो गया है, महाकुंभ?

अगर आप सोच रहे हैं, कि यह भीड़ धर्म वीरू भारतीय लोगों की है तो शायद आप गलत हैं जो लोग संगम स्नान कर जन्म जन्म मंत्र के पाप धोना चाहते हैं उनके लिए पूरे साल स्नान का मौका रहता है. वैसे भी किसकी स्त्री भी कुंभ का नियत स्नान है. मां की पूर्णिमा को माना जाता है हालांकि 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर इस बार अंतिम स्नान होने वाला है. पर बहुत से साधु संत और कल्पवासी भक्ति गंगा अपने घरों को प्रस्थान कर चुके हैं इसलिए भारतीय जनता को धर्म वीरू कहकर उनका ऐसी उड़ने वाले वालों के लिए जरूरी है. किसी सदमे से काम नहीं होगा आज की तारीख में प्रयागराज को जाने वाली भीड़ को पता है कि वहां व्यवस्था बहुत अच्छी है. करीब 10 से 15 किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है ट्रेनों में जगह नहीं है. भगदड़ में कभी भी जान जा सकती है. पेट्रोल पंपों पर तेल नहीं है डाबो पर सो रूपों में एक रोटी मिल रही है बाथरूम जाने के लिए जगह नहीं है भीड़ को यह बातें भली बाती पता है. फिर भी वह प्रयागराज पहुंच रहे हैं सब कोई मां गंगा और यमुना के पानी में खुद को भिगो लेना चाहता है.

सड़कों और प्राइवेट व्हीकल का विस्तार

देश के कोने-कोने में फोर लेन और सिक्स लेन की सड़कों का विस्तार हुआ है. इस बीच लोगों के पास अपना 4 व्हीकल भी हो गया है. मध्य वर्ग के लिए कुंभ में स्नान करना मतलब एक एडवेंचर ट्रिप भी है. भक्ति भावना भी है सड़क मार्ग से देश के किसी भी हिस्से से 10 से 15 घंटे में प्रयागराज पहुंचना आसान हो गया है उत्तर प्रदेश में भी एक्सप्रेसवे का जाल बीत चुका है यह कारण है कि लोग लगातार पहुंच रहे हैं बहुत से लोगों ने यह प्लान कर रखा है, कि 12 तारीख के बाद कुछ भीड़ कम हो जाएगी तब वह आसानी से कुंभ स्नान करेंगे पर किसी को पता था सभी लोग यही सोच रहे हैं, कि 12 के बाद चलेंगे यही कारण है कि अभी भी भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही है.

महाकुंभ में 37 दिनों में 54 करोड लोगों ने किया स्नान

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हिंदू धर्म और मोदी और योगी का राज

एक बात और है जो सबसे महत्वपूर्ण है, पर उसे और किसी का ध्यान नहीं जा रहा है वह है, मोदी और योगी की लोकप्रियता देश का नागरिक आज अपनी राजनीतिक प्रतिबंध को लेकर कुछ ज्यादा ही मुखर हो चुका है. विशेष कर देश में पीएम मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता भी एक कारण है. कुंभ में पहुंचने के आज की तारीख में लोग अपने नेता अभिनेता और खिलाड़ी को प्यार तो करते ही हैं और खुलकर उसे प्यार का प्रदर्शन भी करते हैं.

 

कुंभ जाकर लोग साबित कर रहे हैं हम हिंदू हैं

ज्यादातर लोग ऐसे हैं कि यह साबित कर रहे हैं कि हम हिंदू हैं और मोदी और योगी के कट्टर समर्थक भी है. हालांकि सभी कुंभ जाने वाले ऐसे नहीं है. पर बहू तेरे है यही कारण है. कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेताओं ने भी कुंभ में डुबकी लगाई इसका दूसरा पहलू भी है जो लोग इन नेताओं को पसंद नहीं करते वह इसे उतना ही नफरत भी करते हैं और वह अपने नफरत को भी सबके सामने प्रदर्शन करने से नहीं चक रहे हैं. ऐसे लोग गए कुंभ की आलोचना करते हुए मिल जाएंगे वह कुंभ की आलोचना इसलिए नहीं करते कि वह धर्म वीरू नहीं है, या उनकी हिंदू धर्म से कोई आस्था नहीं है वह कुंभ की आलोचना करते हैं क्योंकि मोदी और योगी जैसे लोग एड्रेस करते हैं.

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