राहुल गांधी के महाकुंभ जाने की खबर पक्की
राहुल गांधी के महाकुंभ जाने की खबर पक्की, राहुल गांधी जो लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं. वह अपने पूरे परिवार के साथ महाकुंभ जा रहे हैं. ऐसी खबर आ रही है यह खबर अयोध्या जाने से बिल्कुल अलग थी और समाजवादीपार्टी के नेता अखिलेश यादव के संगम में डुबकी लगा लेने के बाद तो यह खबर और भी पक्की लगने लगी. यह भी खबर आई थी कि राहुल गांधी के साथ वायानाड सांसद और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और उनके बेटे रेहान भी प्रयागराज जाने वाले हैं. जाने का प्लान लगभग कंफर्म है. तारीख 19 या 20 फरवरी बताई जा रही है. लेकिन इस बीच अचानक राहुल गांधी अपने चुनाव क्षेत्र रायबरेली पहुंच गए. दिल्ली में राहुल गांधी ने भाजपा नेता मायावती की राजनीति पर उंगली उठा दी और हंगामा मचा दिया। राहुल गांधी ने पूछ लिया, कि आखिर मायावती ठीक से चुनाव लड़ क्यों नहीं रही है. और वह विपक्ष के साथ क्यों नहीं है. मतलब बीजेपी के साथ खड़ी क्यों नहीं दिख रही है.
इटली से आदेश क्यों नहीं मिला
विश्वास ने कहा कि राहुल गांधी महाकुंभ में इसलिए नहीं आए क्योंकि वार हिंदू धर्म के विरोध है. उन्होंने यह भी कहा कि केवल चुनाव के समय वोट के लिए हिंदू धर्म याद आता है. इसके साथ विश्वास संग्रह यह भी कहते हैं, कि जिस जगह 66 करोड लोग डुबकी लगाते हैं. वह राहुल गांधी नहीं गए स्थानस्नातन्य धामका पालन करने वाला हर व्यक्ति वहां गया है. राहुल गांधी हिंदू होते तो वहां जाकर जरूर था, की डुबकी लगा लेंगे तो उन्हें ईसाई धर्म से बाहर निकाल फेंक दिया जाएगा। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की एक तस्वीर नहीं दिखेगी। जिसमें मां लक्ष्मी की पूजा कर रही है. तथा जिसमें प्रियंका गांधी उनकी कलाई पर राखी बांध रही है. खास बात यह भी है, कि मध्य प्रदेश के अधिकांश कांग्रेस नेताओं ने महाकुंभ में जाकर रूप भी लगाई जिसमें पूर्व सीएमदिग्विजय सिंह भी शामिल थे तथा उनके बेटे जयवर्धन सिंह भी.
क्यों अचानक राहुल गांधी ने महाकुंभ से दूरी बना ली
सवाल-जवाब के दौरान हाल ही में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने महाकुंभ को फालतू बताया था. और इसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तो महाकुंभ को मृत्युकुंभ ही बता दिया। लगता है राहुल गांधी फिर से सॉफ्ट हिंदुत्व की तरफ बढ़ने की हिम्मत नहीं जुटा सके और महाकुंभ से दूरी बना ली लेकिन ममता बनर्जी ने राहुल गांधी को तब भी नहीं छोड़ न्याय यात्रा के साथ पश्चिम बंगाल में राहुल गांधी की एंट्री से ठीक पहले ममता बनर्जी ने बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने यानी कांग्रेस के साथ गठबंधन न करने का ऐलान कर दिया। राहुल गांधी और कांग्रेस नेता बनर्जी से नेरमाई से रख अपने रहे हैं. लेकिन ममता बनर्जी झुकने को तैयार नहीं है. लोकसभा चुनाव के बाद स्पीकर चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार उतार दिया तब भी ममता बनर्जी गुस्सा हो गई. लेकिन राहुल गांधी के फोन करने पर मान भी गई.
विपक्ष का साथ मिला भीमराव अंबेडकर के मुद्दे पर
राहुल गांधी को पक्का दीपक मिला था. भीमराव के मुद्दे परसाथ ही जब केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने संसद में बयान दिया थालेकर खत्म हो गया था. जब ममता बनर्जी और अखिलेश यादव ने अरविंद केजरीवाल का सपोर्ट कर दिया था. ममता बनर्जी और अखिलेश यादव के सपोर्ट के बावजूद अरविंद केजरीवाल चुनाव हार गए जीत तो कांग्रेस भी नहीं सकती लेकिन राहुल गांधी को तो सिर्फ अरविंद केजरीवाल को हराने से मतलब था यही ऐसा दृश्य आने वाला बिहार चुनाव में भी देखने को मिल सकता है.
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