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स्टॉक मार्केट क्रैश बढ़ती जा रही है मंदी

स्टॉक मार्केट क्रैश बढ़ती जा रही है मंदी

स्टॉक मार्केट क्रैश बढ़ती जा रही है मंदी

स्टॉक मार्केट क्रैश बढ़ती जा रही है मंदी, ग्लोबल लेवल पर शेयर बाजार का डर है, कि अगर अमेरिका टैरिफ और डोज हावी हो गए. तो अमेरिका में मंदी का खतरा बढ़ जाएगा. इससे ग्लोबल रिस्क भी बढ़ सकता है. अमेरिकी टैरिफ और बहुत बड़ी गिरावट पर आ सकता है या ट्रेड वॉर उत्पन्न हो सकता है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता में आते ही एक के बाद एक ऐसे फैसले लिए हैं. जिसे दुनिया को चोट पहुंचाई हो खासकर टैरिफ को लेकर हुए ऐलान ने चीन कनाडा और अन्य देशों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया. मेक्सिको और कनाडा पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक बार फिर से टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया, जो की 4 मार्च से लागू किया जा सकता है ट्रंप के इस नए टैरिफ ऐलान ने दुनिया को डरा दिया है. हालांकि china पर पहले से ही 10 फ़ीसदी तारीफ लगाया जा चुका है ट्रंप के टैरिफ और एलॉन मुस्क के डोसे के ऐलान ने दुनिया पूर्ण रूप से सोचने पर मजबूर कर दिया ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है, कि अब कौन शेर बाजार को बचाएगा और आखिर कब तक शेयर बाजार में गिरावट बनी रहेगी.

क्या एलोन मस्क के कम से बढ़ सकता है खतरा

नुव्वामा का यह मानना है, कि अगर एलॉन मुस्क खर्चे में कटौती के लिए अपने दो ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को हासिल करने आगे से कम ही सफल हो जा पाते हैं. तो मंडी का खतरा बढ़ सकता है. सरकारी क्षेत्र ने हाल ही में अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है नया मां ने कहा कि 2023 और 2024 में अमेरिकी सरकार ने कई नौकरियां 25% की बढ़ोतरी दर्ज भारी है वह करेगे का कहना है, कि यह स्पष्ट नहीं है कि कौन सी पॉलिसी हेवी होगी तथा ट्रंप और एलॉन मुस्क उन पॉलिसी में कितना सफल होंगे फेडरल रिजर्व बैंक और उनके जाने पर निर्भर करेगा बड़ा रोल मंडी से बचने के लिए जैसे कि अगर डोज फ्री नेशनल एक्सीडेंटल में कटौती करता है, तो फेड को वित्तीय दबाव की बर्फी करनी होगी नहीं तो मंडी का जोखिम बहुत रहेगी और नुकसान सच में बढ़ सकता है.

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किस प्रकार बढ़ रहा मंदी का खतरा

ग्लोबल लेवल पर शेयर मार्केट का यह डर है, कि अगर अमेरिकी टैरिफ और डोज हावी हो गए ,तो अमेरिका मैं मंदी का खतरा बढ़ सकता है इससे ग्लोबल रिस्क भी बढ़ सकता है अमेरिकी टैरिफ और बड़ी गिरावट को अंजम दे सकता है. नुव्वामा इंस्टीट्यूशन एक्टिविटीज ने चेतावनी दी है कि अगर नौकरियों में कमी और होती है तो डोज भी टर्म को राजनीतिक परेशानी में डाल सकता है अगर ट्रंप सरकार हाई टैरिफ लागू करता है तो इससे जवाबी कार्रवाई और संभावित ग्लोबल ट्रेड वर का जोखिम होगा नामा का यह कह देते हैं कि इससे डॉलर स्टोरेज स्ट्रेट हो सकता है और अमेरिकी बोल्ड थ्रिल्ड बढ़ सकता है. जो सिर्फ ने केवल पहले से ही कमजोर ग्लोबल इकोनामिक पर दोहरा दबाव डालेगा.

क्या होगा शेयर बाजार का

इंडियन मार्केट सिर्फ फरवरी में ही चार फ़ीसदी से ज्यादा टूट चुका है. वहीं निफ्टी अपने 9 महीने के निचले लेवल पर जा चुका है. शेयर बाजार हर दिन अपना लेवल तोड़ रहा है. और आगे आने वाला समय और पेनफुल हो सकता है ऐसे में अभी अनुमान लगा लेने की इंडियन शेयर मार्केट कहां तक जाएगा यह कहना गलत है.

5 मिनट में 3.40 लाख करोड़ डूब गए

शेयर मार्केट में गिरावट इतनी तेजी से थी कि महज 5 मिनट में बची में लिस्टेड कंपनियों का टोटल मार्केट करीबन 3.40 लाख करोड रुपए डूब गया. ग्लोबल मार्केट के गिरावट के बीच अब बॉर्डर मार्केट में भी हंगामा मच गया. बीएसई के सभी सेक्टरल इंडेक्स भी लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं सुबह 9:20 करीब बने बची मेल स्टेट कंपनियों का कल मार्केट कैंप कट कर 398.80 लाख करोड़ रूपों पर आ गया.

कच्चे तेल में दिखी गिरावट

विकास जैन की रिलायंस सिक्योरिटीज के हेड हैं. उनके अनुसार एशियाई बाजारों में भी गिरावट देखने को मिली. जिसमें कुछ सूचकांक 2.5% तक टूट गया. ट्रंप ने पुष्टि कर दी है कि कनाडा और मेक्सिको से आयात पर 25% शुल्क 4 मार्च से लागू कर दिया जाएगा. साथ ही चीन से आयात पर 10% ज्यादा शुल्क लगेगा निवेदक निविधिया कौर के कमजोर नतीजे अमेरिकी टैरिफ नीतियों और मिश्रित आर्थिक आंकड़ों के कारण असमंजस में है.

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