ICC Champions Trophy 2025, इस मामले में ब्रिटिश प्रधानमंत्री केयर स्टारमन ने ICC (आईसीसी इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसलिंग) से दखल की मांग की है, वहीं इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) को एक पत्र लिखा है. चैंपियनशिप ट्रॉफी 2025 में अफगानिस्तान की इंग्लैंड से भिड़ंत 26 फरवरी को लाहौर में होनी है, लेकिन इस मैच से पहले इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड भारी दबाव में है. क्योंकि ब्रिटेन के राजनेताओं ने इस मैच का बायोकोट करने की अपील की है. इस मामले में ब्रिटिश प्रधानमंत्री केयर स्टारमन भी कूद पड़े हैं. हालांकि पूरे मसले पर किसी भी की राय आई है, कुल मिलाकर चैंपियंस ट्रॉफी शुरू होने के पहले एक और नया बखेड़ा शुरू हो गया दृश्य ब्रिटिश प्रधानमंत्री गैर स्टारमन ने इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड को एक पत्र लिखा है. और कहा है कि अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए वहां स्वयं के नियम बना दिए गए हैं, मिलाकर तालिबान के शासन में वहां व्यापक राज्यकर्ता पर सवाल उठाए गए हैं. सबर सांसद टोनिया एंटोनिया जी से पत्र मिलने के बाद एसीबी पर कार्रवाई करने का दबाव है जिस पर जेरेमी कर बिन लोड किन्होने और निकाल फ्रिज सहित 160 से अधिक राजनेताओं के एक क्रॉस पार्टी ग्रुप द्वारा हस्ताक्षर किए गए हैं.
पत्र में अफगानिस्तान को दबाया देश बताया…
महिलाओं के साथ अत्याचार पर चिंता व्यस्त की गई है, ध्यान रहे 2021 में तालिबान के सत्ता में लौट के बाद से महिलाओं का खेल को प्रभावी रूप से गैरकानूनी घोषित कर दिया गया है उसे क्रिकेट टीम ने इस अवधि में इंग्लैंड के साथ दो बार खेला है. वह भी आईसीसी ग्लोबल इवेंट में जिसमें 2023 वीकदय वर्ल्ड कप शामिल है जहां अफगानिस्तान ने इंग्लैंड को हराया था.
ECB को लिखे पत्र में क्या है?
के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिचर्ड गोल्ड को संबोधित पत्र में कहा गया है हम इंग्लैंड की पुरुष टीम के खिलाड़ियों और अधिकारियों से दृढ़ता पूर्वक आग्रह करते हैं कि वह तालिबान के शासन में अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों के साथ हो रहे भयानक व्यवहार के खिलाफ आवाज उठाएं. हम ECB से अफगानिस्तान के खिलाफ आगामी मैच का बहिष्कार करने पर विचार करने का भी आग्रह करते हैं ताकि यह स्पष्ट संगीत दिया जा सके, कि इस तरह के गुनीत दुर्व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा हम लैंगिक भेदभाव के खिलाफ खड़ा होना चाहिए और हम इसी भी से आग्रह करते हैं, कि वह अफगान महिलाओं और लड़कियों को एजुकेटर और उम्मीद का एक दृढ़ संदेश दे कि उनकी पीड़ा को नजर अंदाज नहीं किया गया है.
ECB ने मैच के बहिष्कार पर दिया यह जवाब
पत्र का जवाब देते हुए इसी भी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिचर्ड गोल्ड ने बहिष्कार के आह्वान को खारिज कर दिया और कहा कि महिलाओं के अधिकारों का तालिबान शासन का शिकंजा एक ऐसा मामला है जिसके लिए अलग-अलग देश की एक तरफा कार्रवाई के भुजाएं संभावित आईसीसी के नेतृत्व वाली प्रतिक्रिया की आवश्यकता है.
ब्रिटिश पीएम ने की दखल की मांग
इस रुक को अब काउंसलिंग ट्रीट ब्रिटिश पीएम ऑफिस से समर्थन प्राप्त हो गया है प्रधानमंत्री के प्रावस्था ने कहा आईसीसी को अपने नियमों को स्पष्ट रूप से लागू करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह महिला क्रिकेट का इस तरह समर्थन कर रहे हैं जैसे इसी भी करता है इसलिए हम इस तथ्य का समर्थन करते हैं कि इसी भी इस मुद्दे पर आईसीसी के समक्ष अपना पक्ष रख रहा है.
प्रवक्ता ने कहा…
तालिबान द्वारा महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों का हनन स्पष्ट रूप से भैयावह है. हम इस मुद्दे पर किसी भी के साथ काम करेंगे हम उनके संपर्क में है प्रत्यक्ष यह चैंपियन ट्रॉफी के संबंध में आईसीसी का मामला है यह स्थिति 2003 विश्व कप में इंग्लैंड के क्रिकेटरों के सामने आई दुविधा की याद दिलाती है जब नासिर हुसैन की टीम को जिम वेस्ट के साथ ग्रुप चरण के मैच का बहिष्कार करने के लिए कहा गया. उसे समय जिम वास वे में रोबोट घुसने को आसान था यह निर्णय अतः खिलाड़ियों पर छोड़ दिया गया था और इसके परिणाम स्वरुप कुछ दवा दिए गए थे.
तालिबान ने महिलाओं के छीना खेल का अधिकार
बता दे कि अफगानिस्तान में 2021 तालिबान का शासन है तालिबान ने अफगानिस्तान की महिलाओं पर अन्य प्रतिबंध के अलावा खेल मैं उनके हिस्सा लेने को भी गैर कानूनी घोषित कर दिया था तालिबान का यह फरमान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के नियमों के विपरीत है लेकिन अफगानिस्तान की क्रिकेट टीम आईसीसी टूर्नामेंट में हिस्सा लेती है ऐसे में इंग्लैंड के राजनेताओं ने सवाल खड़े किए हैं कि जब तालिबान महिलाओं को खेलों से दूर रखना चाहता है तो फिर अफगानिस्तान की क्रिकेट टीम चाहे वह पुरुष क्रिकेट टीम हो या ना हो उनके खिलाफ इंग्लैंड को क्यों खेलना चाहिए.
26 फरवरी को होगा इंग्लैंड अफगानिस्तान मैच
चैंपियंस ट्रॉफी की शुरुआत 19 फरवरी को होगी यह आईसीसी टूर्नामेंट पाकिस्तान और दुबई में खेलने जाएगा इंग्लैंड और अफगानिस्तान के बीच मुकाबला 26 फरवरी को पाकिस्तान के लाहौर स्थित गच्छामि स्टेडियम में खेला जाएगा यह दोनों ही टीमों का इस टूर्नामेंट में दूसरा मैच होगा इससे पहले 22 फरवरी को इंग्लैंड का सामना आस्ट्रेलिया से होगा जबकि 21 फरवरी को अफ़गानिस्तान साउथ अफ्रीका से बढ़ेगी चूंकि आईसीसी ने अफगानिस्तान के खिलाड़ियों को अभी भी प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति दी हुई है इसलिए यू के सांसद से एक कड़े शब्दों वाला पत्थर सामने आया है जिसमें इसी भी से अपनी नैतिक आखिरी दर्ज करने की अपील की गई है. लेबर एमपी टोनियो एंटोनिया जी द्वारा लिखे हुए और हाउस ऑफ कॉमर्स और हाउस ऑफ लोडिंग के एक क्रॉस पार्टी ग्रुप द्वारा साइन किए गए इस पत्र में नई जेल फॉरेस्ट और जेरेमी कार्बन सहित अफगानिस्तान में हो रहे insidious dystopia यानी पंचमित्व देश को उठाया गया है.
संबोधित बयान में कहा गया…
हम इंग्लैंड की पुरुष टीम के खिलाड़ियों और अधिकारियों से दृढ़ता से आग्रह करते हैं कि वह तालिबान के शासन में अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों के साथ हो रहे भयानक व्यवहार के खिलाफ आवाज उठाएं हमें इसी भी से अफगानिस्तान के खिलाफ आगामी मैच का बहिष्कार करने पर विचार करने का भी आग्रह करते हैं ताकि यह स्पष्ट संकेत दिया जा सके कि इस देश तरह के गुणसूत्र दीवार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा हमें लैगिक भेदभाव के खिलाफ खड़ा होना चाहिए और हम इसी भी से आग्रह करते हैं कि वह अफगान महिलाओं और लड़कियों को एजुकेशन और उम्मीद का हक दर्द संदेश दें कि उनकी पीड़ा को नजर अंदाज नहीं किया गया है.
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