Basant Panchami 2025 गृह प्रवेश के लिए बहुत ही शुभ
हिंदू धर्म में शुभ कार्य शुभ मुहूर्त में ही शुरू किए जाते हैं. विवाह मुंडन से लेकर घर और वहां की खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त पर विचार किया जाता है हालांकि वर्ष में कुछ ऐसे दिन होते हैं. जिन्हें अत्यंत शुभ माना जाता है, और उसे दिन बगैर मुहूर्त पर विचार किया शुभ व मांगलिक कार्य किया जा सकते हैं उन्हें अबूझ मुहूर्त कहा जाता है अबूझ मुहूर्त के दिन विवाह मुंडन भूमि और वहां की खरीदारी के लिए मुहूर्त पर विचार करने की बाध्यता नहीं होती है. बसंत पंचमी या सरस्वती पूजा के दिन भी वह बुद्ध मुहूर्त होता है और इस दिन गृह प्रवेश के लिए बहुत शुभ माना जाता है. हर वर्ष मध्य महीने में शुक्ल पक्ष की पांचवी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है. यह दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना के लिए के लिए समर्पित होता है.
कब है बसंत पंचमी (Date and Time)
इस वर्ष माघ महीने में शुक्ला पांचवी तिथि 2 फरवरी रविवार को सुबह 9:14 पर हो रही है, और तिथि का समापन अगले दिन 3 फरवरी सोमवार को सुबह 6:52 पर होगा देश भर में 2 फरवरी को रविवार को बसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जाएगा. मध्य के शुक्ल पक्ष की पांचवी तिथि पर शनि देव सुबह 8:51 पर पूर्व भाद्रपद नक्षत्र में गोचर करेंगे इस दिन शिव योग सिद्ध योग साध्य योग और रवि योग बन रहे हैं.
गृह प्रवेश……
गृह प्रवेश के लिए शुभ मुहूर्त का बहुत महत्व होता है. माना जाता है, कि शुभ मुहूर्त में नए घर में प्रवेश करने से जीवन में सुख समृद्धि में वृद्धि होती है. बसंत पंचमी का दिन गृह प्रवेश के अत्यंत शुभ माना जाता है. बसंत पंचमी का दिन वर्ष में आने वाले कुछ अबूझ मुहूर्त में शामिल है, यह दिन इतने शुभ माने जाते हैं कि बगैर मुहूर्त का विचार किया इन इस दिन हर तरह के शुभ कार्य किया जा सकते हैं. मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन गृह प्रवेश करने से जीवन में खुशियों का आगमन होता है.
हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार वसंत पंचमी…
हिंदू धर्म में वसंत पंचमी एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है. जो कि माघ महीने में की शुक्ल पक्ष की पांचवी तिथि को मनाया जाता है. देशभर के विभिन्न क्षेत्रों और समुदाय के लोग इसे अलग-अलग तरीके से बनाते हैं. साथ ही यह वसंत ऋतु का आगमन का भी प्रतीक माना जाता है इस दिन ज्ञान, विद्या, वृद्धि, कला, संगीत और रचनात्मकता की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है. घर मंदिर पूजा पंडाल स्कूल और कॉलेज में इस दिन सरस्वती पूजा का भव्य आयोजन होता है. बसंत पंचमी को लेकर ऐसी धार्मिक मान्यता है, कि इस दिन देवी सरस्वती प्रकट हुई थी.
कैसे करें मां सरस्वती की उपासना….
इस दिन पीले बसंती और सफेद वस्त्र धारण करें. कल या लाल वस्त्र नहीं, इसके बाद पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुख करके पूजा की शुरुआत करें. सूर्योदय के बाद ढाई घंटे या सूर्यास्त के बाद के ढाई घंटे का प्रयोग इस पूजन के लिए करें फिर मां सरस्वती को सर्वे चंदन और पीले सफेद फूल दाएं हाथ में अर्पित करें. प्रसाद में मिश्री, दही और लव अर्पित करें केसर मिश्री खीर अर्पित करना सर्वोत्तम होगा. उसके बाद मां सरस्वती के मूल मंत्र ” उ सरस्वती नमः का जाप करें जब के बाद प्रसाद ग्रहण करें.
बसंत पंचमी के दिन करें यह काम…
1) बसंत पंचमी को अबूझ मुहूर्त में से एक माना गया है ऐसे में आप इस दिन कोई भी शुभ काम बिना मुहूर्त देख कर सकते हैं.
2) इस दिन कई ऐसे शुभ काम भी किए जाने चाहिए जिससे आपको मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त हो सके.
3) कहा जाता है, की मां सरस्वती हमारे हथेलियां में वास करती है. ऐसे में वसंत पंचमी के दिन सुबह उठते ही अपनी हथेलियां को अवश्य देखें, ऐसा करने से आपको मां सरस्वती का आशीर्वाद जरूर मिलेगा
4) वसंत पंचमी के दिन यदि आप शिक्षा से संबंधित चीजों का दान करते हैं तो भी आपको शुभ फल की प्राप्ति होगी.
वसंत पंचमी को किन-किन नाम से जाना जाता है
हर साल भारत में वसंत पंचमी को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन ज्ञान और संगीत की देवी माता सरस्वती की पूजा का विधान है. इसे श्री पंचमी, सरस्वती पंचमी, वसंत पंचमी और सरस्वती के नाम से भी जाना जाता है.
वसंत पंचमी का महत्व है
विद्यार्थियों के लिए वसंत पंचमी का विशेष महत्व है. इस दिन विद्यार्थी और बच्चे पूरे मन और श्रद्धा से सरस्वती मां की पूजा करते हैं, और कैरियर में सफलता पाने की इच्छा रही जाहिर करते हैं. ज्ञान की देवी को खुश करने के लिए इस खास दिन पर कुछ चीजों का दान भी करना चाहिए. वसंत पंचमी पर पढ़ाई लिखाई से जुड़ी चीजों का दान करना चाहिए इससे सभी को अपने करियर में सफलता प्राप्त होती है.
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