ड्रग्स माफिया ने मचाया कोहराम, देश में ड्रग्स का नेटवर्क बढ़ता जा रहा है
दिल्ली और गुजरात पुलिस ने ज्वाइंट ऑपरेशन में 518 किलो की कोकीन जप्त की है. इसकी कीमत 5000 करोड रुपए आकी गई है. पुलिस ने यह कोकीन गुजरात के अखिलेश्वर से जप्त की है. पुलिस ने बताया कि अखिलेश्वर में एक फार्म कंपनी के यहां छापेमारी में इस ड्रग्स को जप्त किया गया. न्यूज़ एजेंसी ने सूत्रों के हवाले यह बताया, कि बीते दो हफ्तों में दिल्ली और गुजरात में जांच एजेंटीयों ने 1289 किलो को केन और 40 किलो हाइड्रोपोनिक मारिजुआना जप्त किया है इसकी कीमत 13000 करोड़ के आसपास है इससे पहले एक अक्टूबर को दिल्ली में 562 किलो कोकण और 40 किलो मेरीजवाना पकड़ा गया था इसकी कीमत 56000 करोड रुपए आपकी गई थी यह दिल्ली में पकड़ी गई सबसे बड़ी खेत थी ड्रग्स की यह जब भी सिर्फ दिल्ली और गुजरात जैसे बड़े राज्यों में ही सीमित नहीं है बल्कि मध्य प्रदेश महाराष्ट्र असम जम्मू और कश्मीर भी कई राज्यों में ड्रग्स की खेत पकड़ी जा रही है.
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जप्त की गई ड्रग्स का क्या होता है
हर साल हजारों करोड़ और लाखों 10 की मात्रा में ड्रग्स पकड़ी जाती है नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के मुताबिक 2023 में ही ड्रग्स की जपती के साथ-साथ एक पॉइंट 32 लाख से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था. पर सवाल उठता है कि जब इतनी बड़ी मात्रा में ड्रग्स पकड़ी जाती है तो उसका होता क्या है भारत ही नहीं दुनिया के सभी लगभग मुल्कों में जब भी ड्रग्स की खेत पकड़ी जाती है तो उसकी सैंपलिंग होती है उसके बाद उसे जांच के लिए भेजा जाता है सब कुछ हो जाने के बाद जप्त किए गए ड्रग्स को डिस्पोज को यानी नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू होती है.
किसके द्वारा ड्रग्स डिस्पोज का फैसला लिया जाता है
इसके लिए रेवेन्यू डिपार्टमेंट की एक बाकायदा गाइडलाइन है हर राज्य में एक या उससे ज्यादा ड्रग डिस्पोजल कमेटी होती है जो ड्रग्स को डिस्पोज करने पर फैसला लेती है लेकिन इसकी भी शक्तियां सीमित होती हैं ड्रग्स डिस्पोजल कमेटी एक तथा मात्रा तक ही डिस्पोज करने पर फैसला ले सकती है अगर उसे सत्य मात्र से ज्यादा ड्रग्स पकड़ी जाती है तो उसको डिस्पोज करने का फैसला हाई लेवल कमिटी लेती है 5 किलो हीरोइन 100 किलो चरस हजार किलो गांजा और 2 किलो को केन तक के डिस्पोजल का फैसला कमेटी दे सकती है अगर ते मात्र से ज्यादा ड्रग्स है तो उसके डिस्पोजल की सिफारिश ड्रग डिस्पोजल कमेटी एक हाई लेवल कमेटी को भेजेगा और वह आखरी फैसला लेगी.
कुछ इस प्रकार ड्रग ड्रग्स का डिस्पोजल किया जाता है
अलग-अलग प्रकार के ड्रग्स को डिस्पोज करने का तरीका भी अलग-अलग है. गाइडलाइन के मुताबिक अगर अफीम, मार्फिन, कोडिंग और ट्यूनिंग है तो उसे सरकारी कमेटियों को नीलाम कर दिया जाता है इसी तरह अगर कोई ड्रग मेडिकल या इंडस्ट्रियल उसे के लिए है तो उसे बेच दिया जाता है या नीलाम कर दिया जाता है इसके अलावा अगर कोई ऐसा ड्रग है जिसका नेट तो मेडिकल उसे है और ना ही इंडस्ट्रियल और वह सिर्फ नशे के लिए इस्तेमाल होता है तो उसे जलाकर डिस्पोज कर दिया जाता है ड्रग्स को जलाकर डिस्पोज करते समय कई सारी सुरक्षा मांगों का ध्यान रखा जाता है.
ड्रग्स बेचने या रखने पर कितनी सजा
हमारे देश में ड्रग्स अपने पास रखना खरीदना बेचना या उसका सेवन करना अपराध है ऐसा करने पर 1985 के नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकॉट्रॉपिक सब्सटेंस एक्स के तहत कार्रवाई होगी हालांकि सजा कितनी होगी यह ड्रग्स की मात्रा पर निर्भर करता है अगर आपके पास स्मॉल क्वांटिटी में ड्रग्स है तो 1 साल की जय यादव हजार जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है अगर स्मॉल क्वांटिटी से ज्यादा लेकिन कमर्शियल क्वांटिटी से कम ड्रग्स पाया जाता है तो 10 साल की जय और ₹100000 तक का जुर्माना हो सकता है वहीं अगर कमर्शियल क्वांटिटी से ज्यादा ड्रग्स बरामद होता है. तो 10 से 20 साल तक की कैद और ₹200000 तक का जुर्माना लिया जाएगा अब स्मॉल क्वांटिटी और कमर्शियल क्वांटिटी हर ड्रग्स की अलग-अलग होती है. केंद्र सरकार ने 239 ड्रग्स को समिति लिस्ट में डाला है. सरकार के मुताबिक एसिडोफिल ड्रग्स की स्मॉल क्वांटिटी 2 ग्राम है लेकिन मात्र 50 ग्राम तो यह कमर्शियल क्वांटिटी मानी जाएगी इसी तरह 1 किलो गांजे तक को स्मॉल और 20 किलो से ज्यादा को कमर्शियल क्वांटिटी में गिना जाता है.
बॉर्डर पर से पंजाब में ड्रग्स तस्करी का खेल
इसमें सबसे पहले नाम पंजाब का है. भारत का पंजाब राज्य पाकिस्तान के बॉर्डर से जुड़ा है जैसे कि सबको मालूम है कि अफगानिस्तान से अफीम की खेती की जाती है अफगानिस्तान के रास्ते अफीम और अन्य नशीले पदार्थ पाकिस्तान आते हैं इसके बाद बॉर्डर में ड्रोन के सहारे इससे पंजाब पहुंचाया जाता है यहां पर ड्रग्स के ग्रहों के बड़े-बड़े श्रृंगार इस अवैध अफीम कोकण और अन्य नशीले पदार्थों को दिल्ली समेत पूरे देश में पहुंचने का काम करते हैं पंजाब के बाद गुजरात में ड्रग्स और हीरोइन की सबसे ज्यादा खेत पहुंचाई जाती है गुजरात के मुद्रा पोर्ट में अर्बन रूपों की हीरोइन जप्त की जा चुकी है गुजरात में समुद्री रास्तों से नशीले पदार्थ की तस्करी होती है समुद्री रास्तों का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय गृह करता है साल 2021 में गुजरात की मुद्रा पोर्ट में लगभग 3000 किलो का हीरोइन जप्त की गई थी इसकी कीमत 21000 करोड़ की गई थी कंटेनर में हीरोइन को छुपा कर लाया जाता है कुछ तमाम पुलिस ऑफिसर्स ने इसको साबित किया.