प्रधानमंत्री मोदी ने 6 नई वंदे भारत ट्रेनों को दिखाई हरी झंडी जानिए रूट और दूसरी डिटेल्स
आज शुरू हुई इन नई वंदे भारत ट्रेनों में देवघर से वेदनाथ धाम, वाराणसी से काशी विश्वनाथ मंदिर, कोलकाता से कालीघाट और बेलूर मठ जैसे धार्मिक स्थलों तक तीर्थ यात्रियों को जल्दी पहुंचने में मदद मिलेगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रविवार को 6 वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई है. रेल मंत्रालय मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह नई ट्रेन इस मॉडर्न इनोवेशन को तेजी से बढ़ते बेटे को 54 ट्रेनों से बढ़कर साथ कर देगी यह ट्रेन सेट देने का आधार पर 120 टिप्स करते हुए 24 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में 280 से अधिक जिलों को कर करेगी प्रधानमंत्री मोदी आज झारखंड दौरे पर है उन्होंने वर्चुअल अच्छे बंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई मंत्रालय ने बयान में कहा ‘वंदे भारत पोर्टफोलियो’ का विस्तार हो रहा है. जिसमें बेहतर कनेक्टिविटी के लिए इन ट्रेनों ट्रेन सेवाओं को जोड़ा जा रहा है इसमें आगे कहा गया कि मेक इन इंडिया पल के तहत स्वदेशी रूप से डिजाइन की गई है. यह ट्रेने अत्यधिक सुविधा प्रदान करती हैं जिनसे लाखों यात्रियों को फायदा हो रहा है.
इन रूट पर चलेगी नई बंदे भारत ट्रेने
यह 6 नई ट्रेने टाटानगर पटना, बरहमपुर टाटानगर, राउरकेला, हावड़ा, देवघर, वाराणसी, भागलपुर हावड़ा और गया हावड़ा के बीच चलेंगे. इन नई ट्रेनों से तीर्थ यात्रियों को होगी आसानी इन नई बंदे भारत ट्रेनों के जरिए देवघर में वेदनाथधाम, वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर, कोलकाता मैं काली घाटी और बेलूर मठ जैसे धार्मिक स्थलों तक तीर्थ यात्रियों को जल्दी पहुंचने में मदद मिलेगी. इसके अलावा इन ट्रेनों से धनबाद में कोयला खदान उद्योग, कोलकाता में जूट उद्योग और दुर्गापुर में को है और इस्यात उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा.
15 फरवरी 2019 को आई थी पहली वंदे भारत
पहली वंदे भारत ट्रेन का उद्घाटन 15 फरवरी 2019 को किया गया था. रेल मंत्रालय ने कहा कि यह ट्रेन 160 किमी प्रति घंटे की गति तक पहुंचने में सक्षम है. जो लाखों यात्रियों को लिए एक अत्यधिक यात्रा अनुभव प्रदान करती है. मंत्रालय ने कहा कि भारत के परिवहन इन इंफ्रास्ट्रक्चर का एक आधार स्तंभ भारतीय रेल बंदे भारत ट्रेन बड़े के विस्तार के साथ एक महत्वपूर्ण परिवर्तन का अनुभव कर रहा है. रेल मंत्रालय के अनुसार मेक इन इंडिया अभी यह की एक प्रमुख परियोजना के रूप में यह अर्थ उच्च गति वाली ट्रेन भारत की आधुनिक कुशल और विश्व स्तरीय रेल प्रणाली के लिए महत्वाकांक्षा का प्रतीक है वंदे भारत एक्सप्रेस के साथ भारतीय रेल यात्री अनुभव को फिर से परिभाषित करने के लिए तैयार हैं जो अत्यधिक गति सुरक्षा और आराम प्रदान करती है.
Read More News
3.17 करोड़ से अधिक यात्रियों को दी सर्विस-
मंत्रालय ने कहा आज तक (14 सितंबर 2024) 54 ट्रेन सेट 108 सेवाओं के बड़े के साथ वंदे भारत ने कुल लगभग 36000 यात्राएं पुरी की है, और 3.17 करोड़ से अधिक यात्रियों को बेहतरीन यात्रा अनुभव दिया है बयान के अनुसार मूल वंदे भारत ट्रेन सेट अब वनडे भारत 2.0 डेवलप हो गया है जिसमें तेज त्वरण कवच एंटीवायरस सिस्टम और वाई-फाई सहित और भी उन्नत संविधान शामिल है. मंत्रालय ने कहा वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन सेवाओं के साथ भारतीय रेल भारत में यात्रा में क्रांति लाने के मार्ग पर है, यह ट्रेन ने केवल में इन इंडिया पहला की सफलता को दर्शाती है बल्कि गति, सुरक्षा और सेवा के लिए नए वैश्विक मानक भी स्थापित करती है जैसे-जैसे भारत का रेल नेटवर्क विस्तारित होता जा रहा है यात्री एक ऐसे भविष्य की उम्मीद कर सकते हैं जो देश की विविध आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए निर्भर आरामदायक और कुशल यात्रा प्रदान करें अधिकारी ने बताया कि वंदे भारत ट्रेन अनारक्षित और वास्तविकता अहमदाबाद भुज वंदे मेट्रो ट्रेन पूरी तरह से अनरिक्तिक और वासु न्यूक्लिक है इन्होंने कहा कि यात्री ट्रेन के प्रस्थान से कुछ समय पहले काउंटर से टिकट खरीद सकेंगे. उन्होंने कहा ट्रेन में एक पॉइंट 150 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है और जबकि 2058 यात्री खड़े होकर यात्रा कर सकते हैं.
झारखंड में परियोजनाओं का लोकापरण करेंगे पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड में 660 करोड रुपए से अधिक की विभिन्न रेल परियोजनाओं की आधारशील रखें और लोग का पूर्ण करेंगे वह झारखंड के देवघर जिले में मधुपुर बाईपास लाइन और हजारीबाग टाउन कोचिंग डिपो की आधारशील रखेंगे इससे मधुपुर बाईपास लाइन हावड़ा दिल्ली मुख्य लाइन पर ट्रेनों की देरी से बचने में मदद करेगी और गिरी हित और जीसीडी के बीच यात्रा के समय को कम करने में भी मदद करेंगे मोदी कर रोड अंडर ब्रिज भी राष्ट्र को संपर्क करेंगे मोदी जी कहते हैं कि मैं इन परियोजनाओं के लिए झारखंड के लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं एक समय या जब आधुनिक विकास देश के कुछ शहरों तक ही सीमित था झारखंड जैसे राज्य आधुनिक विकास के मामले में पीछे गए लेकिन सब का साथ सबका विकास की सोने देश की मानसिकता को बदल दिया.