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राजस्थान में बड़ी परेशानी, नहीं हो पा रहे खाद्य सुरक्षा में आवेदन जरूरतमंद काट रहे चकर

राजस्थान में बड़ी परेशानी, नहीं हो पा रहे खाद्य सुरक्षा में आवेदन जरूरतमंद काट रहे चकर

राजस्थान में बड़ी परेशानी, नहीं हो पा रहे खाद्य सुरक्षा में आवेदन जरूरतमंद काट रहे चकर

राजस्थान में बड़ी संख्या में लोगों को हर दिन सरकारी कार्यालय से लेकर ई-मित्र तक के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. खाद्य सुरक्षा योजना में आवेदन को लेकर लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. राजस्थान सरकार की ओर से लाखों की संख्या में लोगों को लाभ भर्ती करने के दावे किए जा रहे हैं. लेकिन इस लाभ में बड़ी संख्या में जरूरतमंद लोग वंचित दिख रहे हैं. जमीनी स्तर पर इन लोगों के पाससरकारी मशीनरी काम नहीं कर रही है. लोग ई-मित्र से लेकर सरकारी कार्यालय तक के चक्कर लगा लगाकर परेशान हो चुके हैं. लेकिन उन्हें किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं दी जा रही है. जो लोग ई-मित्र व सरकारी कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं. उनसे बात करने पर सामने आया, कि खाद्य सुरक्षा योजना में जुड़ने के लिए लगभग 20 समावेशन की प्राथमिकताश्रेणी दी गई है. इसमें बहुत सी श्रेणियां ऐसी है. जिसके तहत बहुत से जरूरतमंदों को इस लाभ से वंचित होना पड़ रहा है. जैसे- घर-घर जाकर साफ सफाई करने वाली महिलाएं, रिक्शा चलाने वाले, कचरा बिनने वाले परिवार इत्यादि। लोग खाद्य सुरक्षा योजना में आवेदन करवाने के लिए ई-मित्र पर जा रहे हैं. वहां इनसे आवेदन के लिए डॉक्यूमेंट मांगे जाते हैं. ऐसी स्थिति में इन लोगों के सामने यह परेशानी खड़ी हो रही है, कि ये लोग अपने काम से जुड़े कौन से आधिकारिक दस्तावेज दे. राजस्थान सरकार ने खाद्य सुरक्षा पोर्टल को 26 जनवरी से शुरू किया था. ताकि जरूरतमंद लोग खाद्य सुरक्षा पोर्टल से जुड़ सके.

पीड़ितों ने कहा….

पीड़ितों से इस मामले पर बात की गई, तब पीड़ितों ने कहा, कि उनकी आर्थिक स्थिति खराब है. उन्हें खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ नहीं हो रहा है. पीड़ितों को खाद्य सुरक्षा योजना में जुड़ना है. लेकिन वह जरूरतमंद होने के बावजूद इस योजना में आवेदन नहीं कर पा रहे हैं. पीड़ितों ने यह भी कहा, कि ऐसी सरकारी योजना का क्या फायदा जिससे जरूरतमंदों को ही लाभ न मिले। खाद्य सुरक्षा योजना में आ रही परेशानी को लेकर खाद्य विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी से लेकर कलेक्टर तक को फोन किया। लेकिन किसी ने भी फोन का जवाब नहीं दिया। इससे यही साबित होता है, किअधिकारी इस पूरे मामले में चुप्पी साधे हुए हैं.

जूते की दुकान पर काम करता है, पति अटक गया आवेदन

पूजा मीणा ने बताया, कि वह खाद्य सुरक्षा योजना में आवेदन नहीं कर पा रही है. उनके पति जूते की दुकान पर काम करके गुजारा करते हैं. लगभग ₹5000 प्रति माह के हिसाब से वेतन मिलता है, और खाद्य सुरक्षा योजना में आवेदन के समय आधिकारिक दस्तावेज मांगा जा रहा है. जिसके चलते उनका आवेदन अटका हुआ है.

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पोछा लगाकर घर चलती है, सुशील बारी

इनका कहना है, कि कई बार ई-मित्र के चक्कर काट चुकी है. लेकिन सुशीला का खाद्य सुरक्षा योजना में आवेदन नहीं हो रहा है. उनके घर में कोई काम करने वाला नहीं है. क्योंकि सुशीला का पति मर चुका है. पोछा लगाकर अपना घर चलती है. ऐसे में पोछा लगाने को लेकर दस्तावेज मांगे जा रहे हैं. उसे समझ नहीं आ रहा कि अब वह कौन से आधिकारिक दस्तावेज लगाएं।

आधार कार्ड में नाम गलत होने पर अटके आवेदन

आधार कार्ड और राशन कार्ड जैसे दस्तावेजों में अंग्रेजी के नाम में स्पेलिंग मिस्टेक होना आम बात है. लेकिन एक भी अक्सर गलत होने से खाद्य सुरक्षा पोर्टल पर नाम में मैचिंग नहीं हो रहा है. जिसके कारण लाखों जरूरतमंदों के आवेदन अटक गए हैं.

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