Train Hijack: पाकिस्तानी सेना दावा करती है, की रेस्क्यू ऑपरेशन कम्पलीट
Train Hijack: पाकिस्तानी सेना दावा करती है, की रेस्क्यू ऑपरेशन कम्पलीट, पाकिस्तान के बलूचिस्तान में मंगलवार को हुई ट्रेन हाईजैक का मामला उलझता ही जा रहा है. क्योंकि लिबरेशनआर्मी, BLA और पाकिस्तान सेना, दोनों अलग-अलग दावे कर रहे हैं, एक तरफ पाकिस्तान सेना का दावा है, की रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो गया है. और सेना ने सभी आतंकियों को मार गिराया तथा बंधकों को छुड़ा लिया गया है, वही BLA ने दावा किया है, कि इस घटना में 100 से ज्यादा पाकिस्तान के जवान मारे गए हैं, तथा डेढ़ सौ बंधक अभी भी उनके कब्जे में है. जफर एक्सप्रेस ट्रेन आतंकी हमले पर डीजेआईएसपीआर ने कहा, 11 मार्च को दोपहर 1:00 आतंकियों ने ट्रेन की पटरी उड़ा दी और यात्रियों को बंधक बना लिया। इस ट्रेन में 400 यात्री सवार थे, सुरक्षा बलों की ओर से ऑपरेशन चलाने से पहले ही आतंकियों ने 21 निर्दोष यात्रियों की हत्या कर दी. आतंकियों ने यात्रियों को उपचार समूह में बंधक बनाकर रखा था. ट्रेन में यह भी देखा गया था, कि आतंकी अफगानिस्तान में अपने हैंडलर्स से बातचीत कर रहे थे.
आर्मी ने कैसे चलाया ऑपरेशन
महिलाओं और बच्चों की मौजूदगी के कारण सुरक्षा बलों को बहुत सावधानी से आगे बढ़ाना पड़ा, सबसे पहले आर्मी के स्नाइपर ने आत्मघाती हमलावरों को मार गिराया। ताकि वे अपने जैकेट नहीं फोड़ सके, क्योंकि अगर वे खुद को उड़ते तो ज्यादा लोगों के मारे जाने की आशंका थी. इसके बाद सुरक्षा बलों ने एक-एक करके देबो को खाली कराया और किसी बंधक को नुकसान पहुंचा बिना, सभी आतंकवादियों को मार गिराया शरीफ ने दुनिया न्यूज़ को बताई यह बात, की यह अभियान बहुत ही सटीकता और सावधानी से चलाया गया. क्योंकि आतंकवादी ट्रेन में कर रहे यात्रियों को मानव दल के रूप में इस्तेमाल कर रहे थे, इसलिए हमें हर कीमत पर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी थी. इस मामले में बच्चे लोगों ने हिंसा के ब्याह वह दृश्य को याद किया। बचे हुए यात्रियों से एक मोहम्मद ने बीसीउड़ को बताया, एक बहुत बड़ा धमाका हुआ और गोलियां चलने लगी यह ऐसा दृश्य था जो की बुलाया नहीं जा सकता।
बंधकों ने क्या बताया
अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ यात्रा कर रहे हैं, एक अन्य यात्री ने बताया कि कैसे विस्फोट से ट्रेन हिल गई थी. जिससे उनका बच्चा अपनी सीट से नीचे गिर पड़ा। उन्होंने कहा जब मैं गोलीयो को डिब्बे से टकराते हुए देखा तो मैं एक बच्चे को अपने नीचे खींच लिया, जबकि मेरी पत्नी ने भी हमारे बच्चे के साथ भी ऐसा ही किया। अगर गोली हमें लगती तो कम से कम बच्चे तो बच जाते, प्रत्यक्ष दर्शियों ने बताया, कि आतंकवादियों ने पहचान पत्रों की जांच की और कुछ विशेष लोगों को अलग कर दिया मुस्तफा ने बताया, हमारे डिब्बे के दरवाजों पर तीन आतंकवादी पहरा दे रहे थे. उन्होंने हमसे कहा कि वह नागरिक को महिलाओं, बच्चो, बुजुर्गों, बलोच यात्रियों को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे, जैसे-जैसे गतिरोध जारी रहा. आतंकवादियों ने धीरे-धीरे कुछ बंधकों को रिहा कर दिया। शाम को आतंकवादी हमसे कहते हैं, कि वे बलोच महिलाओं बच्चों और बुजुर्ग यात्रियों को जान जान दे रहे हैं. बचाओ अभियान के बादलेफ्टिनेंट जर्नल शरीफ ने कड़ी चेतावनी देते हुए, कहा इस ट्रेन हमले ने खेल के नियम बदल दिए हैं.